Haryana Mid Day Meal Workers ने 6 महीने से बकाया वेतन जारी करने को लेकर शिक्षा मंत्री के आवास की ओर जोरदार प्रदर्शन किया। वर्कर्स ने मांग की स्कूलों में बच्चों के लिए तुरंत खाना बनना शुरू हो, वर्करों को न्यूनतम वेतन मिले और 12 महीने मिले, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रद्द हो।
शिक्षा मंत्री के गृह जिले में पहुंची करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर जिले की वर्कर्स (Haryana Mid Day Meal Workers) को प्रमुख रूप से मिड डे मील वर्कर्स फैडरेशन के राष्ट्रीय एवम सीआईटीयू राज्य महासचिव जय भगवान, यूनियन की हरियाणा प्रदेश, महासचिव सरबती देवी, उपाध्यक्ष लाल देवी, शिमला ने संबोधित किया। अपने संबोधन में तमाम वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार मिड डे मील योजना का नाम बदलकर इसे खत्म करना चाहती है। योजना को ठेकेदारों को देने का प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूलों में मिड डे मील के खाते बंद कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है, जिसके चलते बड़े पैमाने पर सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे। यह सब करके भाजपा सरकार मिड डे मील वर्कर्स के रोजगार को खत्म करना चाहती है। जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 6 महीने से मिड डे मील वर्कर्स (Haryana Mid Day Meal Workers) का मानदेय नहीं मिल रहा। आखिर गरीब महिलाएं कैसे अपने परिवार का गुजारा चलाएंगी। 13 नवंबर को प्रदेश की हजारों वर्करों ने करनाल में रैली करके अपनी मांगे सरकार के सामने रखी थी। 25 नवंबर को शिक्षा मंत्री ने यूनियन प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कुछ मांगो का तत्काल समाधान करने की बात की थी। लेकिन आज तक एक कदम भी नहीं उठाया गया।
संगठन नेताओं ने कहा कि राज्य में मिड डे मील वर्करों (Haryana Mid Day Meal Workers) को 3500 रूपये मिलते है वह भी 6-6 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। वर्दी का तय भत्ता भी तीन साल से नहीं मिला है। 1000 से ज्यादा स्कूल बंद कर दिए गए व वर्कर्स का रोजगार छीना जा रहा है। यही नहीं केंद्र सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लेकर आई है जो गरीब बच्चों को सरकारी शिक्षा से बाहर धकेलेगा और वर्कर्स के रोजगार को छीनेगा। इसलिए सरकार इसे तुरंत रद्द करे।
वर्कर्स (Haryana Mid Day Meal Workers) ने अनाज मंडी में सभा के बाद जोरदार प्रदर्शन किया व जगाधरी बस स्टेंड पर पुलिस व जिला प्रशासन ने आकर प्रदर्शनकारियों से बात की ओर शिक्षा मंत्री से फोन पर बातचीत करवाई। शिक्षा मंत्री ने यूनियन प्रतिनिधियों को मांगो पर बातचीत के लिए 12 जनवरी को चंडीगढ़ आमंत्रित किया है। जिस वार्ता में शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे।
Haryana Mid Day Meal Workers प्रदर्शन को यूनियन नेताओं ललिता, कमलेश, ओ पी माटा, रोशनी, नीलम, शिमला सर्व कर्मचारी संघ के जिला नेता गुलशन भारद्वाज, सीटू नेता रामकुमार, जापान सिंह, मतलूफ आदि ने भी संबोधित किया।
Haryana Mid Day Meal Workers प्रमुख मांगे
1. मिड डे मील वर्कर्स (Haryana Mid Day Meal Workers) का वेतन बढ़ाया जाए। 24000 रू न्यूनतम वेतन दो। कम से कम हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए। इसे महंगाई भते के साथ जोड़ा जाए। वेतन 12 महीने दिया जाए। वर्करों के बकाया मानदेय का तुरंत भुगतान हो।
2. स्कूलों में बच्चों के लिए भोजन बनाने का काम तुरंत शुरू किया जाए।
3. वर्दी भता दो ड्रेस के लिए एक वर्ष में कम से कम 1200 रूपये मिलने चाहिए। राज्य में कार्यरत आशा वर्कर्स का वर्दी भत्ता 900 रूपये है तथा आंगनवाड़ीकर्मियों का 800 रूपये। हरियाणा में मिड डे मील कुक का तय बकाया वर्दी भत्ते की बकाया राषि का तुंरत भुगतान किया जाए।
4. मिड डे मील कुक की वर्दी का रंग काला है इसे बदला जाए। रंग तय करते वक्त यूनियन के वर्कर्स प्रतिनिधिमंडल से राय जरूर ली जाए।
5. 60 साल की आयु में वर्कर्स की सेवानिवृति बारेः हमारी मांग है कि वर्कर्स को 65 साल की उम्र तक काम करने की अनुमति हो। आगंनवाड़ी (आईसीडीएस) परियोजना में कार्यरत आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हैप्लर्स की सेवानिवृति की उम्र 65 साल है। हैल्पर्स का भी बच्चों के लिए राशन बनाने का काम है और मिड डे मील कुक का भी। इसलिए मिड डे मील कुक की रिटायरमैंट की उम्र 65 साल हो। इसके साथ ही 2 लाख रूपये रिटायरमैंट लाभ भी दिया जाए।
6. मिड डे मील वर्कर्स (Haryana Mid Day Meal Workers) का मानदेय सीधा उनके खाते में डाला जाए।
7. स्कूल मर्ज होने या बंद होने की स्थिति में मिड डे मील कुक को प्राथमिकता के आधार पर अन्य सरकारी स्कूलो में समायोजित किया जाए।
8. मिड डे मील योजना का किसी भी रूप में नीजिकरण न हो। केन्द्रीय रसोईघरों व योजना को ठेके पर देने पर रोक लगे।
9. सभी मिड डे मील वर्कर्स (Haryana Mid Day Meal Workers) का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण हो। सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत हों। वर्करों को विभाग द्वारा मांगें जाने वाला वार्षिक स्वास्थ्य जांच पत्र के सन्दर्भ में स्वास्थ्य जाचं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क हो।
10. सभी स्कूलो में रसोईघरों में बिजली व पंखे की उचित व्यवस्था हो तथा मैडिकल किट की व्यवस्था भी की जाए। काम के दौरान दुर्घटना में इलाज व मुआवजे की व्यवस्था हो। मृत्यु होने पर मिड डे मील वर्कर के परिवार को कम से कम 3 लाख रूपये मुआवजा दिया जाए।
11. डीबीटी के जरिए मिड डे मील योजना को खत्म करने की कोशिश बन्द हों।
12. 12वीें कक्षा तक के सभी बच्चों (प्रवासी मजदूरों के बच्चों को भी) को मिड डे मील योजना के दायरे में लाया जाए। इसके लिए अधिक पोषित सामग्री तैयार करके वितरित हो। स्वयं सहायता समूह की बाध्यता बंद हो। दोपहर के भोजन के अलावा स्कूलो में नाष्ते का भी प्रावधान किया जाए।
13. नई शिक्षा नीति लागू न की जाए। इसमें कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने का प्रावधान है। जो बच्चों की संख्या को स्कूलो में घटाएगा व मिड डे मील वर्कर्स के रोजगार को भी खत्म करेगा।
14. मिड डे मील वर्कर्स के परिवार को बीपीएल श्रेणी में मानते हुए प्रतिव्यक्ति 10 किलोग्राम अनाज प्रतिमाह मुफ्त एवं अन्य सुविधा दी जाए।
15. मिड डे मील वर्कर्स को स्कूल का चैथे दर्जे का कर्मचारी घोषित किया जाए। वर्कर्स से करवाई जाने वाली बेगार तुरंत बंद हो।