प्रयागराज, संयुक्त किसान मोर्चा की ग्राम ओढिगी (रती) तरहर, प्रयागराज में मजदूर-किसान पंचायत का आयोजन किया गया। हजारों किसान मजदूरों जिनमे बालू खनन मजदूर,पत्थर खदान मजदूर,खेत मजदूर सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने इस पंचायत में भाग लिया और मुट्ठी तानकर ,झंडे उठाकर रोजी रोजगार के साधनों पर बड़े ठेकेदारों,माफिया और कॉर्पोरेट घरानों के नियंत्रण के खात्मे की मांग की गई।
लखीमपुरी खीरी के शहीदलवप्रीत सिंह,दलजीत सिंह, नछतर सिंह,गुरविंदर सिंह,रमन कश्यप को श्रद्धांजलि अर्पित कर पंचायत का आरंभ किया गया।
केंद्रीय उपगृह मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष के नेतृत्व वाले आरएसएस भाजपा गिरोह द्वारा लखीमपुर मे किसानों की, जिनमें स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप भी हैं, वाहनों से कुचल कर हत्या के बाद यह एसकेएम की पूर्वी उत्तर प्रदेश में 3 कानूनों के खिलाफ पहली पंचायत है। एसकेएम ने घोषणा की है कि जब तक मंत्री को बर्खास्त नहीं किया जाता और उनको व उनके पुत्र को गिरफ्तार नहीं किया जाता या आंदोलन जारी रहेगा।
पंचायत को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता एसकेएम नेता श्री जगतार सिंह बाजवा नेता भूमि बचाओ मुहिम उत्तराखंड ने कहा कि,”नए कृषि कानून ग्रामीण रोजगार जैसे आटा चक्की, पशुपालन तथा अन्य पारंपरिक कामों को नष्ट कर देंगे।उन्होंने भाजपा की विभाजनकारी नीतियों और राजनीति से भी सचेत रहने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि जाति आधारित पार्टियां भी यहां तक कि यदि उनकी जाति के युवा कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो जाते है तो भी कृषि कानूनों का विरोध नही करती ।उन्होंने जोर दिया कि यदि भाजपा सरकार कृषि कानूनों को रद्द नही करती तो किसी भी भाजपा नेता को गांव में घुसने नहीं देना चाहिए।
पूनम कौशिक महासचिव प्रगातिशील महिला संगठन दिल्ली ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश में कंपनी राज थोपने वाली नीतियां महिलाओं की खाद्य सुरक्षा को और खतरे में डालेंगी,महिलाओं को गरीबी के दलदल में धकेलेंगी और उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता को और कमजोर कर देंगी।
कॉमरेड डॉक्टर आशीष मित्तल महासचिव अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा ने कहा कि ग्रामीण मजदूरों का संघर्ष जमीन और बाजार बचाने के लिए चल रहे किसान संघर्षों का अभिन्न हिस्सा है।भाजपा गांव के गरीबों के साधनों को कॉरपोरेट और माफिया के हवाले कर उनके अधिकारों पर चोट कर रही है।शंकरगढ़ और जमुना नदी के इस क्षेत्र ने बहुत से बहादुर संघर्षों को देखा है और एसकेएम के नेतृत्व के संघर्ष में वे सब एक साथ हैं।
इलाहाबाद के बहुत से नेता लखीमपुर पहुंचेंगे और अगले सप्ताह शहीदों की अस्थि कलश यात्रा अनेकों स्थानों पर निकाली जाएंगी।
पंचायत को कई अन्य नेताओं जैसे एआईकेएमएस नेता रामकैलाश , रामू निषाद,किसान महासभा के नेता सुभाष पटेल,किसान मजदूर सभा के नेता एडवोकेट घनश्याम मौर्या,भारतीय किसान यूनियन के जिला सलाहकार राजेंद्र पटेल,प्रगतिशील महिला संगठन इलाहाबाद की नेता आकृति,एडवोकेट साहेब लाल निषाद,बृजलाल,विनोद सैलानी,चंद्रावती,कमल श्री, भारतीय किसान यूनियन जिला इलाहाबाद उपाध्यक्ष संजय यादव ने संबोधित किया ।गंगादीन ने पंचायत में धन्यवाद प्रस्ताव दिया और योगी मोदी सरकार की रोजी रोजगार पर हमला करने वाली नीतियों के विरोध में अपनी बात रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि जबकि पर्यावरण की रक्षा के नाम पर ब्लास्टिंग रोकने के लिए पत्थर खदान श्रमिकों के काम को रोक दिया गया है, वहीं बड़े ठेकेदार और कंपनियां भारी ब्लास्टिंग करती हैं और क्रशर प्लांट संचालित करती हैं।
सरकार ने नदी की पारिस्थितिकी की रक्षा के नाम पर नावों का संचालन बंद कर दिया है, उन्होंने जेसीबी मशीनों से घाटों को खोदने की अनुमति दी है जो नदी को अपरिवर्तनीय रूप से नुकसान पहुंचाते हैं।इन दोनों ने लाखों श्रमिकों का दैनिक रोजगार छीन लिया है।
वक्ताओं ने जोर दिया कि 3 कृषि कानूनों का विरोध करेगे, जो खेती की जाने वाली फसलों, लागत की आपूर्ति, मशीनीकृत सेवाएं, फसल खरीद, मंडियां, खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग, भंडारण और खाद्य बाजारों का नियंत्रण विशाल बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े भारतीय कॉरपोरेट्स को सौंप देंगे।
पंचायत ने 3 कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को पूर्ण समर्थन जताया और इस लड़ाई को मजबूत करते हुए रोजी रोटी के साधनों पर बड़े ठेकेदार,माफिया और कॉर्पोरेट के नियंत्रण के खिलाफ निर्णायक संघर्ष छेड़ देने का समर्थन किया।