Banaras Hindu University : भारतीय रेलवे के एनटीपीसी के परीक्षा परिणाम में धांधली और भ्रष्टाचार को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रतियोगी छात्रों के साथ पटना (बिहार) एवं इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुई बर्बरता के खिलाफ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) के छात्र भी मजबूती से खड़े हैं।
उक्त दोनों स्थानों पर छात्रों के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ मंगलवार को भी बीएचयू (Banaras Hindu University) के आक्रोशित छात्रों ने विरोध सभा का आयोजन किया था। 26 जनवरी,2022 बुधवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक निकाले गये पैदल मार्च एवं सभा में शामिल छात्रों ने एक स्वर में कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और यहां अध्ययनरत छात्र इलाहाबाद-पटना ही नहीं बल्कि देशभर के उन छात्रों के साथ खड़े हैं, जो रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सत्ता को घेरने का काम करते हैं। आमजन से जुड़े हुए मुद्दे पर सवाल उठाने का काम करते हैं।
Banaras Hindu University |
Banaras Hindu University : लाठी चार्ज करवाकर आंसू गैस के गोले
भारतीय रेलवे ने 2019 में NTPC और ग्रूप ‘डी’ सहित विभिन्न पदो के लिए कुल 103739 सीटों की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसका एग्जाम 2021 में संपन्न हुआ और इसका परिणाम हाल ही में 15 जनवरी को घोषित हुआ है। एनटीपीसी परीक्षा के जारी परिणाम में भारी धांधली की आशंका जाहिर करते हुए आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने 24 जनवरी,2022 को बिहार के पटना और आरा रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा होकर ट्रेनों की आवाजाही को ठप कर दिया। छात्रों का कहना था कि रेलवे ग्रुप डी की भर्ती के लिए केवल एक परीक्षा करवाने की बात कही थी लेकिन जब परीक्षा शुरू होने की बारी आयी तो उस परीक्षा को प्री-मेंस में तब्दील कर दिया गया है, जो छात्रों के हित में कतई नहीं है; बल्कि इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में गिना जाए। उक्त प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में बिहार के बक्सर, मोतीहारी, गया सहित कई जिलों में आज भी प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। पूरब का आक्सफोर्ड के रूप प्रसिद्ध इलाहाबाद विश्वविद्यालय और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश छात्र भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे रहते हैं। इलाहाबाद के छात्रों ने भी एक छात्र पंचायत बुलाकर रेलगाड़ियों को रोकने का निर्णय कर लिया। बस, इतना ही योगी-मोदी की पुलिस को नहीं देखी गयी। इलाहाबाद के छोटा बघाड़ा के करीब आधे दर्जन से अधिक प्राइवेट लॉजों में पुलिस ने घुसकर छात्रों के साथ जमकर उग्रता की और उन्हें मार मारी। छात्रों द्वारा अपने अधिकार की मांग को लेकर सड़क और रेलमार्ग पर उतरना सत्ता को नागवार गुजरा और उसने आन्दोलित छात्रों पर लाठी चार्ज करवाकर आंसू गैस के गोले दागवाया।
Banaras Hindu University Students Protest |
पैदल मार्च एवं सभा में शामिल छात्रों का स्पष्ट कहना था कि जब गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशभर में आमजन से लगाइत मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं दे रहे थे; ईमानदारी और निस्वार्थ भाव से वोट डालने-डलवाने की कसमें खा रहे थे, ठीक उसी समय यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी ने अपने आका मोदी के चेहरे का चमक बनाए रखने के लिए इलाहाबाद (प्रयागराज) के छोटा बघाड़ा-सलोरी के करीब आधे दर्जन से अधिक प्राइवेट लॉजों में पुलिस को घुसवाकर प्रतियोगी छात्रों के ऊपर लाठियां बरसाया है। इलाहाबाद की घटना के ठीक एक दिन पहले पटना (बिहार) में भी नितीश कुमार ने भी वही किया, जो यूपी की तानाशाही सरकार ने की है। भाजपा और उसकी समर्थक पार्टियां एवं नेता नहीं चाहते हैं कि किसी प्रकार का चुनाव जनता के मुद्दे- शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा पर हो; इसलिए भाजपा और एनडीए सरकार बार-बार जनता के मुद्दे को गायब करने के लिए चाल रही है। वह कभी आपके बहस को हिन्दू-मुस्लिम/मंदिर-मस्जिद के इर्द-गिर्द केन्द्रित करना चाहती है तो कभी हमारी मांग को कुचलने के लिए तानाशाही रवैए अपना लेती है। यूपी-बिहार में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी बेरोजगारी का आलम आजादी के बाद से सबसे अधिक है, जबकि यही भाजपा ने सालाना दो करोड़ सरकारी नौकरियां देने की बात कही थी। इलाहाबाद और पटना में प्रतियोगी छात्रों के साथ हुई बर्बरता भी रोजगार और भ्रष्टाचार से जुड़ी हुई घटना है। इसलिए अंग्रेज़ो से लड़कर मिले लोकतंत्र के गणतंत्र दिवस पर अपने हक़-हकूक की लड़ाई और इलाहाबाद-पटना में रहने वाले प्रतियोगी छात्रों के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ आज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आक्रोशित छात्रों ने पैदल मार्च निकालकर सभा का आयोजन किया और सत्ता के समक्ष विरोध जताकर अपनी बातें रखी।
Student Protest In Varanasi |
पैदल मार्च एवं सभा में सुमित , शुभम , चंदन ,अमन, किशन , रवि , धीरू , शादाब ,आदित्य , मुरारी , नीतीश,अमन रॉय , अक्षय सिंह , अंबुज, संजय कुमार प्रजापति, बलीराम, बेबी पटेल, सीपी, सतीश, अभिमन्यु, रामाकांत, सरोज, राजेश, अनुराग यादव, चंद्रजीत, विवेक, लकी, अजीत, निर्भय, आकाश, आदर्श, मारुति मानव, कमलेश, पंकज यादव, अरविंद यादव, नरेंद्र प्रताप, विकास मिश्र, अभिषेक उपाध्याय, अजय तिवारी, अमित सिंह, अबरार अहमद, अनुपम, चंदन सागर, विनय संघर्ष, राहुल यादव, प्रज्ञा सिंह, शिवदास सहित हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं सहित नागरिक समाज से समाजवादी युवजन के साथी एवं पूर्व छात्र नेता अफलातून देसाई, चौधरी राजेन्द्र, प्रेम प्रकाश सिंह यादव, राजकुमार गुप्ता, योगी राज सिंह पटेल, पीएस4 के अध्यक्ष डॉ० छेदीलाल निराला आदि शामिल रहे।