Delhi State Anganwadi Workers and Helpers Union : हज़ारों आँगनवाड़ीकर्मियों ने दिल्ली सचिवालय पर किया प्रदर्शन

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 7 सितम्बर 2021, दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने दिल्ली सचिवालय पर चेतावनी प्रदर्शन का आयोजन किया। 

 यह चेतावनी प्रदर्शन ‘दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेलपर्स यूनियन’ के बैनर तले किया गया। इस चेतावनी प्रदर्शन में हज़ारों-हज़ार की संख्या में यूनियन से जुड़ी कार्यकर्ताओं (वर्कर) और सहयिकाओं (हेल्पर) ने गर्मजोशी के साथ भागीदारी की।
 यूनियन की मीडिया प्रभारी वृषाली श्रुति ने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार दिल्ली आँगनवाड़ीकर्मियों के हितों के साथ कत्तई न्याय नहीं कर रही हैं। आँगनवाड़ी कर्मियों के हकों पर सरेआम डाके डाले जा रहे हैं। महँगाई बढ़ रही है लेकिन आँगनवाड़ी कर्मियों के मानदेय में कटौती की जा रही है। केजरीवाल की राज्य सरकार से लेकर केन्द्र की मोदी सरकार तक झूठे वायदे करके आँगनवाड़ीकर्मियों को बरगला रहे हैं। यही कारण है कि आँगनवाड़ीकर्मियों को इतने बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरने के लिए मज़बूर होना पड़ा है। आज आयोजित चेतावनी प्रदर्शन के लिए सुबह 9 बजे से ही राजघाट पर आँगनवाड़ीकर्मियों ने जुटना शुरू कर दिया था। इसके बाद हज़ारों की गिनती में बैनर-झंडों-नारों और गाज़े-बाज़े के साथ महिलकर्मियों ने दिल्ली सचिवालय की ओर कूच किया। विभिन्न छात्र-युवा-नागरिक जन-संगठनों से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी आँगनवाड़ी यूनियन के समर्थन में अपनी हाज़िरी दर्ज करायी तथा इनमें से बहुतों ने वोलण्टियर के तौर पर चेतावनी प्रदर्शन में अपना सहयोग भी दिया। दिल्ली सचिवालय के बैरिकेड पर पहुँचकर स्टेज लगाया गया। यहाँ आँगनवाड़ी यूनियन की सभा चली। मंच संचालन का काम प्रियमबदा और विशाल ने सम्भाला। सभा को विभिन्न वक्ताओं ने सम्बोधित किया तथा राज्य व केन्द्र सरकारों की आँगनवाड़ी विरोधी और जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ़ अपना रोष प्रकट किया। बीच-बीच में आँगनवाड़ी यूनियन की सांस्कृतिक टीम और विहान सांस्कृतिक मंच के द्वारा जोशीले गीत भी पेश किये गये। विभिन्न वक्ताओं ने अपनी तक़रीरों में आँगनवाड़ीकर्मियों के संघर्ष के आगे के रास्ते और आज के सामाजिक-राजनीतिक माहौल पर खुलकर बातचीत हुई।
 

‘दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेलपर्स यूनियन’ की अध्यक्ष शिवानी कौल ने अपनी बातचीत में आँगनवाड़ीकर्मियों के आज के हालात और आन्दोलन के आगे के रास्ते पर विस्तार से बात की। शिवानी ने आँगनवाड़ीकर्मियों के अतीत के संघर्षों की याददिहानी करते हुए अपनी बातचीत की शुरुआत की। उन्होने कहा कि आँगनवाड़ीकर्मियों ने जुझारू संघर्षों और यूनियन के तहत अपनी एकजुटता के बूते ही सरकारों को अतीत में भी हराया था और भविष्य में भी हरायेंगी। शिवानी ने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि आँगनवाड़ी महिलकर्मी पिछले लम्बे समय से कई तरह की परेशानियों का सामना कर रही हैं। लगभग सभी परियोजनाओं में पिछले लम्बे समय से कार्यकर्ताओं व सहयिकाओं को पूरा मानदेय नहीं दिया जा रहा है। कई सारे आँगनवाड़ी केन्द्रों का किराया भी नहीं आ रहा है। कोरोना काल के दौरान जोखिम में जमीनी स्तर पर कार्यरत आँगनवाड़ीकर्मियों के लिए समुचित सुरक्षा उपकरणों का इन्तज़ाम भी नहीं किया गया। आँगनवाड़ी कर्मियों ने तमाम अभावों के बावजूद भी कोरोना काल में कड़ी मेहनत की और कोरोना महामारी को हराने में अहम भूमिका निभायी लेकिन केजरीवाल और मोदी दोनों ने ही आँगनवाड़ीकर्मियों के साथ धोखा किया है। शिवानी ने आगे कहा कि हमारा मानदेय पिछली बार 58 दिन चली हड़ताल के बाद अगस्त 2017 में बढ़ाया गया था। फ़िलहाल दिल्ली में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को क्रमशः ₹ 9,678 व ₹ 4,839 मानदेय के तौर पर दिया जाना निश्चित हुआ था जोकि कुछ दिन मिला भी। वहीं 11 सितम्बर 2018 में प्रधानमन्त्री मोदी द्वारा केन्द्र सरकार की मानदेय बढ़ोत्तरी की घोषणा की गयी थी। यह घोषणा जुमला साबित हुई और इसमें घोषित राशि हमें आज तक नहीं मिली। उल्टा इसके बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सितम्बर 2019 में एक अधिसूचना जारी करके अपने हिस्से में से कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में से क्रमशः ₹ 900 व ₹ 450 घटा दिये गये हैं। 2017 के मुक़ाबले आँगनवाड़ीकर्मियों पर काम का दबाव काफ़ी बढ़ चुका है। इस दौरान महँगाई में भी बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। इस सबको देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा मानदेय घटोत्तरी का यह कदम सरासर नाज़ायज़ है। दिल्ली सरकार द्वारा जारी अन्य अधिसूचनाओं के अनुसार आँगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत महिलाकर्मियों के कार्यदिवस बढ़ाने और ‘सहेली समन्वय केन्द्र’ में हमारी सेवाएँ लेने का भी फ़ैसला ले लिया गया है। एक ओर तो दिल्ली सरकार महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर समेकित बाल विकास परियोजना जैसी ज़रूरी स्कीमों में कार्यरत महिलाकर्मियों को न्यूनतम वेतन देना तो दूर, उन्हें कर्मचारी का दर्जा भी नहीं मिला है।
 

 
भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) की ओर से सनी सिंह ने भी सभा को सम्बोधित किया। सनी सिंह ने अपने भाषण में सबसे पहले आँगनवाड़ीकर्मियों की सभी माँगों का पुरज़ोर समर्थन किया। आगे उन्होंने कहा कि मौजूदा मोदी सरकार एक फ़ासीवादी सरकार है। भाजपा ने एक तरफ़ तो पूँजीपतियों को देश की जनता के शोषण और लूट की खुली छूट दे दी है तो दूसरी तरफ़ जनता की एकजुटता को तोड़ने के लिए भाजपा और संघ परिवार दिन-रात लगे रहते हैं। मीडिया भी पूरी तरह से सरकार की मुट्ठी में है। जनता के शिक्षा-चिकित्सा जैसे बुनियादी हकों पर सरेआम डाका डाला जा रहा है और देश को निरन्तर साम्प्रदायिकता की आग में झोंका जा रहा है। ऐसे में हमारे सामने मौजूदा फ़ासीवादी सरकार का विकल्प खड़ा करने की बड़ी चुनौती है। तमाम अन्य पूँजीवादी चुनवबाज पार्टियों के अतीत और उनकी आर्थिक-राजनीतिक नीतियों के चलते हम उनसे बदलाव की कोई उम्मीद नहीं कर सकते हैं। हमें नये सिरे से मजदूरों-मेहनतकशों, कर्मचारियों और गरीब किसानों के जुझारू जन-संगठन खड़े करने होंगे तथा मेहनतकश जनता का अपना स्वतन्त्र पक्ष खड़ा करना होगा। इसके बाद यूनियन की वृषाली श्रुति ने सभा को सम्बोधित किया। उन्होने अतीत के स्त्री संघर्षों और आज के स्त्री आन्दोलन के समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर बात रखी। उन्होने कहा कि आँगनवाड़ी महिलाकर्मियों को वर्ग-सचेत होने की ज़रूरत है तभी हम अपने संघर्ष को समस्त मेहनतकश जनता की मुक्ति के संघर्ष के साथ जोड़ पायेंगे और पितृसत्ता के साथ-साथ पूँजीवादी गुलामी से भी मुक्ति हासिल कर पायेंगे। इसके पश्चात सभा को नौजवान भारत सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेश स्वामी, बिगुल मज़दूर दस्ता के भारत, करावल नगर मज़दूर यूनियन के अनन्त जी, दिल्ली घरेलू कामगार यूनियन की अदिति सिंह, बवाना औद्योगिक क्षेत्र मज़दूर यूनियन के भास्कर रॉय ने सम्बोधित किया। सभी वक्ताओं ने अपनी यूनियनों और संगठनों की ओर से आँगनवाड़ी यूनियन की सभी माँगों का मुखर समर्थन किया। आँगनवाड़ी यूनियन की सक्रिय कार्यकर्ताओं सुनीता मंगोलपुरी, सुनीता रानी, पूनम रानी, मनीषा ने भी सभा को सम्बोधित किया तथा अपने अनुभव साझा किये। इस पूरे दौरान विहान सांस्कृतिक मंच के तरु और उनकी टीम ने सभा में समा बाँधे रखा।   
 

चेतावनी प्रदर्शन की सभा के अन्त में दिल्ली राज्य की केजरीवाल सरकार के मन्त्री राजेन्द्र गौतम और केन्द्र की मोदी सरकार की मन्त्री स्मृति ईरानी को ज्ञापन सौंपा गया। यूनियन की ओर से कहा गया कि यह तो सिर्फ चेतावनी प्रदर्शन था इसके बावजूद भी यदि हमारी न्यायसंगत और संवैधानिक माँगें पूरी नहीं की गयी तो हमें अपने संघर्ष को और भी तेज़ करना पड़ेगा।
 
 हमारे चेतावनी प्रदर्शन की माँगें निम्नलिखित हैं :-
1.  दिल्ली व केन्द्र सरकार द्वारा आँगनवाड़ीकर्मियों को बेगार खटवाने के लिए ‘सहेली समन्वय केन्द्र’ खोलने की नीति व नयी शिक्षा नीति – 2020 के फैसले वापस लिये जायें। बिना अतिरिक्त वेतन के आँगनवाड़ी महिलाकर्मियों के कार्यदिवस को बढ़ाने का फैसला तत्काल वापस लिया जाये। 
2.  बढ़ती महँगाई के मद्देनज़र सरकार हमारे मानदेय में तत्काल प्रभाव से बढ़ोत्तरी कर कार्यकर्ता एवं सहायिका के लिए क्रमशः 18,000 रुपये व 12,000 रुपये मानदेय सुनिश्चित करे। 
3.  सभी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाये, हमें नियमित किया जाये व श्रम कानूनों के अन्तर्गत लाया जाये ताकि हमें रोज़गार की पक्की गारण्टी मिले। 
4.  सभी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को ई॰एस॰आई॰, पी॰एफ़॰ व पेंशन जैसी सुविधाएँ मुहैया करायी जायें व सभी आँगनवाड़ी महिलाकर्मियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कार्ड जारी किये जायें।
5.  दिल्ली में कार्यरत आँगनवाड़ीकर्मियों को पिछले कुछ महीनों से पूरा मानदेय नहीं मिल रहा है, हमारे बकाया मानदेय का तुरन्त भुगतान करो।  
6.  दिल्ली व केन्द्र सरकार यह सुनिश्चित करें कि केन्द्र सरकार द्वारा घोषित व 1 अक्टूबर 2018 से लागू मानदेय वृद्धि की बकाया राशि (अगस्त 2021 तक 34 महीनों के लिए कार्यकर्ता व सहायिका को क्रमशः 51,000 रुपये व 25,500 रुपये) का तुरन्त भुगतान किया जाये। 
7.  समेकित बाल विकास परियोजना में ग़ैर सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) की घुसपैठ और हस्तक्षेप पर तत्काल पाबन्दी लगायी जाये। एनजीओ के निरीक्षण पर रोक लगायी जाये।
8.  विधायक व उनके कर्मचारियों द्वारा आँगनवाड़ीकर्मियों को तंग करना बन्द हो, कर्मियों को चुनावी प्रचार आदि में लगाकर किये जा रहे शोषण पर तत्काल रोक लगे।
9.  ब्लॉक कोर्डीनेटर के दुर्व्यवहार पर लगाम लगायी जाये।
10. घर-घर टीएचआर बंटवाने के बजाय पोषाहार आबण्टन की पुरानी व्यवस्था बहाल की जाये। 
11. कोविड महामारी के दौरान कार्यरत महिलाकर्मियों के लिए सुरक्षा का समुचित इन्तजाम किया जाये व उनके संक्रमित होने की स्थिति में उचित इलाज की जिम्मेदारी विभाग द्वारा उठायी जाये।
12. ‘समेकित बाल विकास परियोजना’ में किसी भी प्रकार के निजीकरण पर रोक लगायी जाये। 
13. रेजिस्टर व पोषण ट्रैकर एप्प में से केवल एक की एण्ट्री को मान्यता दी जाये।
14. आँगनवाड़ी केन्द्रों व इलाकों में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री का इन्तज़ाम विभाग द्वारा किया जाये। यह ज़िमम्मेदारी आँगनवाड़ीकर्मियों पर नहीं थोपी जाये।
15. आई॰सी॰डी॰एस॰ योजना में रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती की जाये। सुपरवाइज़र पद पर पदोन्नति (प्रमोशन) आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में से ही की जाये और योग्य आँगनवाड़ी सहायिकाओं का ‘प्रमोशन’ कार्यकर्ताओं के तौर पर किया जाये। इस प्रक्रिया को पूरी तरह ‘पारदर्शी’ बनाया जाये। 
16. जिन आँगनवाड़ीकर्मियों को ‘पैनल’ या ‘लीव’ पर रखा गया है, उन्हें तत्काल पारदर्शिता के साथ नियमित किया जाये। 2021 में नियमित की गयी पैनल वर्कर्स के लेटर तुरन्त जारी किये जायें।
17. आँगनवाड़ी का बजट बढ़ाया जाये व आँगनवाड़ी केन्द्रों की गुणवत्ता सुधारी जाये। आबादी के अनुसार नये केन्द्र खोले जायें व ‘एडिशनल चार्ज’ का सिस्टम ख़त्म किया जाये। 
18. आँगनवाड़ी केन्द्रों के चुनावी पार्टियों द्वारा इस्तेमाल पर रोक लगायी जाये।
19. आँगनवाड़ीकर्मियों की बन्द की गयी पेंशन पुनः बहाल की जाये।
20. आँगनवाड़ी केन्द्रों के किराये का समय पर भुगतान किया जाये।
21. शिक्षा विरोधी और जन-विरोधी ‘नयी शिक्षा नीति – 2020′ रद्द की जाये!
22.  ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम – 1955’ में किये गये जनविरोधी बदलाव तत्काल रद्द किये जायें।


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