मुज्जफरनगर, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में रिकॉर्ड विकास कार्य करने का दावा कर रहे हैं। वहीं, मुजफ्फरनगर में बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक और उत्तर प्रदेश सरकार पर बुढ़ाना ब्लॉक क्षेत्र में विकास कार्यों में भेदभाव करने के आरोप लग रहे हैं। महापंचायत में पहुंचे भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के समक्ष विधानसभा चुनाव 2022 के बाद अगली सरकार के शासनकाल तक ब्लॉक बुढ़ाना क्षेत्र में विकास कार्य स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है।
भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने क्षेत्रीय विधायक का नाम लिए बगैर कहा कि उन्हें सरकार और विधायक से यह उम्मीद नहीं थी कि वह विपक्ष के ब्लॉक प्रमुख के काम को बाधित करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार में बहुत घोटाले हुए हैं, यह सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। जिले के 9 ब्लॉक में से 8 ब्लॉक प्रमुख भाजपा के हैं, इसलिए उन सभी आठों ब्लॉक क्षेत्रों में खूब विकास कार्य हो रहे हैं। जबकि बुढ़ाना में रालोद का ब्लॉक प्रमुख जीता है तो यहां पर विकास कार्य नहीं कराए जा रहे हैं। सरकार को बदले की भावना से काम नहीं करना चाहिए।
टिकैत ने अधिकारियों को दी ये चेतावनी
वहीं, रालोद का आरोप है कि बुढ़ाना ब्लॉक पर तैनात खंड विकास अधिकारी स्थानीय सांसद और विधायक के दबाव में आकर इलाके में लोकदल प्रमुख होने के चलते विकास कार्य नहीं कराने दे रहे हैं, जिसको लेकर राष्ट्रीय लोकदल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ब्लॉक पर पंचायत बुलाते हुए प्रदर्शन किया। इस महापंचायत में पहुंचे भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए धरने को स्थगित करते हुए 5 सदस्यों की टीम बनाकर मामले में जल्द विकास कार्य कराने की अधिकारियों को चेतावनी दी।
ऐसी धांधलेबाजी किसी सरकार में नहीं देखी: टिकैत
टिकैत ने मंच से सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस सरकार से ज्यादा धांधलेबाजी, किसी सरकार में नहीं देखी है। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में पिछले दिनों हुए ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान विभिन्न आरोप-प्रत्यारोप के चलते सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी 8 ब्लॉकों में अपने ब्लॉक प्रमुख जितवा पाई थी। जबकि केवल बुढ़ाना ब्लॉक ऐसा रहा, जहां हंगामे प्रदर्शन के बाद रालोद ब्लॉक में काबिज होने में सफल हो गई थी। आरोप है कि उसके बाद से ही क्षेत्रीय विधायक और सांसद से लेकर जिला प्रशासन तक बुढ़ाना ब्लॉक में भेदभाव कर रहे हैं।