Kisan Andolan Delhi ,देश मे चारों तरफ फैल रहे कोरोना के कारण केंद्र सरकार दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे किसानों पर ,आंदोलन को वापस लेने का दबाव बना रही है, जिसकों लेकर किसान आंदोलन के नेताओं ने प्रेसवार्ता की।
किसान नेता राकेश टिकैत व अन्य किसान नेता |
Kisan Andolan Delhi : राकेश टिकैत ने की घोषणा
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने यह घोषणा की, कि सरकार की धरना (Kisan Andolan Delhi) हटाने की धमकियों से आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। किसान इस मोर्चे पर अपने गांव की तरह अपने घर में रह रहे हैं और कटाई के बाद लगातार संख्या बढ़ती रहेगी।
उनकी घर वापसी तभी होगी जब तीन काले कानून वापस हो जाएंगे और एमएसपी का कानून बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन (Kisan Andolan Delhi) को तेज करने के लिए गांव-गांव में तैयारी चल रही है और जैसे ही इन मोर्चों पर उपस्थिति बढ़ेगी वैसे ही आगे की योजना घोषित की जाएगी। सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार दोबारा किसान आंदोलन को ऑपरेशन क्लीन करने का दुस्साहस ना करें वरना हमारी भी तैयारी पूरी है।
कोरोना के फैलने के डर के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सारे किसान कोरोना की सुरक्षा के दायित्वों का पालन कर रहे हैं हम उसकी व्यवस्था भी कर रहे है। यह बात समझना जरूरी है कि अगर यहां से किसान हट भी जाएं तब भी तो अपने ही गांव में रहेंगे कोरोना तो देश से नहीं भागेगा। कोरोना तो अब आ गया है और इसके डर से किसान आंदोलन (Kisan Andolan Delhi) को नहीं हटाया जा सकता। इलाज के लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए।
अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के डॉ आशीष मित्तल ने बताया कि सरकार ने कोरोना दौर में यह तीन काले कानून कारपोरेट का मुनाफा बढाने के लिए लागू किए हैं और अब इलाज की सरकारी व्यवस्थाएं समाप्त कर कारपोरेट अस्पतालों व बड़ी-बड़ी दवा की कंपनियों को मुनाफा कमाने का अवसर दिया हुआ है। किसान आंदोलन अपनी मांगों के लिए प्रतिबद्ध है।
तराई किसान समिति के तेजिंदर विर्क ने बताया कि पूरे उत्तराखंड व पश्चिम उत्तर प्रदेश से गाजीपुर बॉर्डर पर संख्या बढ़ाने पर अभियान (Kisan Andolan Delhi) चलाया जा रहा है।
बीकेयू प्रांतीय अध्यक्ष श्री राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि मोर्चे में सभी किसानों के लिए कोरोना हिदायतों के पालन की व्यवस्था की जा रही है, चिकित्सा की भी व्यवस्था पूरी की जा रही है और हर कैंम्प की जांच डॉक्टर करेंगे तथा शाम के समय उपलब्ध रहेंगे।
गाजीपुर समिति के सदस्य बलजिंदर सिंह मान ने कहा कि सभी प्रवासी मजदूरों का गाजीपुर बॉर्डर पर स्वागत है। यदि उनके रहने खाने की कोई दिक्कत है तो हमारा मोर्चा उनका स्वागत करेगा। मोर्चे की ओर से आनंद विहार टर्मिनस पर मजदूरों को मुफ्त में खाना भी वितरित किया जा रहा है।
अखिल भारतीय किसान सभा के साथी डीपी सिंह ने पत्रकारों को धन्यवाद देते के साथ बताया कि देश भर में सभाओं के द्वारा किसान जागृत हो रहे हैं और इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।
किसान आंदोलन के नेतृत्व ने यह फैसला किया है कि किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहेंगे तथा कोरोना गाइडलाइन का पालन करते है तब तक आंदोलन करते रहेंगें जब तक कृषि कानून वापस नही हो जाते ।