Uttar Pradesh : राजातालाब, नरेगा संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर सात सूत्री माँगों को लेकर Mnrega मनरेगा मज़दूर यूनियन ने प्रदेश व केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी फैसलों व मजदूरों की समस्याओं को लेकर मनरेगा दिवस पर आराजीलाईन ब्लाक पर गुरुवार को ज़ोरदार प्रदर्शन किया।
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धरना प्रदर्शन के माध्यम से Mnrega मनरेगा मजदूरों ने अपनी मांगों को नारों, लोकगीतों के माध्यम से रखा
इस दौरान मनरेगा मजदूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठौर ने कहा कि मनरेगा मज़दूरी में पर्याप्त वृद्धि सातवें वेतन आयोग के अनुसार निर्धारित न्यूनतम दैनिक मजदूरी 800 रूपये लागू की जाए। वहीं माननीय उच्चतम न्यायलय के फैसलें के अनुसार एक समान काम का एक समान वेतन का नियम Mnrega मनरेगा मजदूरों के लिये लागू किया जाए। 15 दिन के अंदर भुगतान नहीं होने पर वेतन अधिनियम 1936 के तहत मुआवजा दिया जाए। काम कि माँग पूरा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त धनराशि 110588.49 करोड़ का तत्काल आवंटन हो।
मनरेगा का सबसे कम बजट
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि पिछले चार से लगातार मनरेगा के बजट की कटौती किया जा रहा है पिछले चार साल की तुलना में इस बार मनरेगा का सबसे कम बजट है हम लोगों को उम्मीद थी बेरोज़गारी की चुनौती से निपटने के लिए बजट बढ़ाया जाएगा लेकिन मोदी बजट कारपोरेट परस्त और किसान, मज़दूर ग्रामीण तथा शहरी जनता विरोधी है।
वहीं मनरेगा मजदूर यूनियन के संयोजिका रेनू पटेल ने कहा कि मनरेगा में 200 दिन का काम निर्धारित किया जाए।
वहीं इस धरना प्रदर्शन के पश्चात खंड विकास अधिकारी विजय जायसवाल के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित उपरोक्त मांगों को लेकर सात सूत्री एक ज्ञापन भी सौंपा गया। इस दौरान मनरेगा मजदूरों एवम् यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रदेश व केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगाए कि मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है।
उन्हें 100 दिन का कार्य भी मुहैया नहीं करवाया जा रहा है और इसके साथ साथ समय से मज़दूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस मौके पर सुरेश राठौर, राजकुमार गुप्ता, रेनू, नेहा, मुश्तफा, श्रद्धा, रीना, पूजा, आँचल, सीता, विमला, आशा, मंगरा, अमरावती, सुनीता, मीरा, प्रेमशीला, सरिता, संजू, कलावती, राजकुमारी, फुलकुमारी, सुनैना, अनिता, सहित सैकड़ो मजदूर मौजूद रहे।